पर्यावरणविद् कौशल ने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में भी प्रकृति कलश के रूप में पौधे बांटे और लगाये

पर्यावरणविद् कौशल ने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में भी प्रकृति कलश के रूप में पौधे बांटे और लगाये


-- समाचार डेस्क

बलरामपुर जिले के भेलवाड़ीह एकलव्य बालिका आवासीय विद्यालय परिसर में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ नवरत्न पौधों का स्थापना कर 500 कन्याओं को  प्रकृति कलश के रूप में पौधा पानी उपलब्ध कराया। उन्होनें कहा कि  नवरात्र में फलहार भोजन करने का विधान है इसलिए लोगों के बीच फलदार पौधों को निशुल्क वितरण भी किया।

पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि जिस प्रकार प्रतिवर्ष नवरात्र में लोग घर परिवार की खुशहाली  व आत्मा की शांति के लिए घर में कन्याओं को भोजन पानी कराते हैं। उसी प्रकार धरती और ब्रह्मांड की आत्मा की शांति के लिए पूरे नवरात्र के समय कन्याओं को पौधा पानी देना चाहिए है। तभी नवरात्र में  कलश पूजा और दुर्गा पूजा की सार्थकता बनी रहेगी।

वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने कहा कि पहले की तरह  इस वर्ष भी पूरे नवरात्र में प्रकृति कलश यात्रा के तहत करीब 6 जिलों में लगभग पांच हजार कन्याओं को पौधा पानी देने का कार्य शुरू किया गया है। उसी के तहत पलामू के गजानन धाम से शुरू लातेहार जिले के हेरहंज और गारू प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय होते हुए आज छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के भेलवाड़ीह एकलव्य बालिका आवासीय विद्यालय में कन्याओं को पौधा पानी उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने पर्यावरण, प्रकृति और प्रदूषण, चलने वाली पेड़ और पेड़ भी स्त्री और पुरुष होते हैं समेत कई महत्वपूर्ण  बातों की चर्चा करते हुए पर्यावरण धर्म की पाठ पढ़ाया। उन्होंने कलश यात्रा का समापन आज भगवान शिव के समान वृक्षों पर रक्षाबंधन कर किया।

स्कूल के प्राचार्य धनेश्वर राम ने पर्यावरणविद् कौशल के द्वारा  लंबे अरसे से सामाजिक एवं पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए उन्हें दोबारा पुनः आने का न्योता दिया । प्रकृति कलश यात्रा में स्कूली कन्याओं के साथ शिक्षक रामनिवास पटेल, मृत्युंजय कुमार, समर सरकार, नटवर राम, स्वरूप राय, अंकित दास, गोपाल सिंह, साहिल कुमार, सुनील गुप्ता, आदि शामिल थे।