कहीं नहीं हो रहा शिक्षा का प्रचार प्रसार,कागजों में सिमटकर रह गया है विश्व साक्षरता दिवस

The promotion of education is not happening anywhere, World Literacy Day has remained confined to paper

कहीं नहीं हो रहा शिक्षा का प्रचार प्रसार,कागजों में सिमटकर रह गया है विश्व साक्षरता दिवस

-- कविलास मंडल
-- 8 सितम्बर 2021

कोरोना संक्रमण महामारी के बीच 8 सितंबर बुधवार को विश्व साक्षरता दिवस पर कोई भी सरकारी गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में नहीं मनाया गया। यह दिवस महज कागजों में ही सिमट कर रह गया । बता दें कि इस साल साक्षरता दिवस की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता डिजिटल विभाजन को कम करना” है।

शिक्षा का प्रचार प्रसार और साक्षरता दर वृद्धि की वृद्धि करना इस दिवस का है उद्देश्य

विदित हो कि समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने और साक्षरता दर वृद्धि के उद्देश्य से विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता रहा है। सर्व शिक्षा अभियान को इस दिशा में सराहनीय और सार्थक कदम बताया जाता हैं।किंतु जब से कोरोना संक्रमण का खौफनाक दौर शुरू हुआ तब से राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र में सभी शैक्षणिक संस्थान बन्द रहे ।इस दौरान लम्बे समय से एक अलग माहौल के बीच विद्यार्थियों को स्कूल कॉलेजों से दूर रहना पड़ा।जिससे शिक्षा का ह्रास निरंतर जारी है।

1966 से 8 सितम्बर को ही मनाया जाता है विश्व साक्षरता दिवस

गौरतलब है कि हर वर्ष 8 सितम्बर को ही विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता रहा है। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1966 में मनाया गया था।तब से यह दिवस भारत समेत सम्पूर्ण देशों में मनाने की परम्परा सी बन गई। आखिर क्यों मनाई जाती है साक्षरता दिवस ? बता दें कि समाज के हर वर्ग के लोगों को पढ़ने लिखने के लायक (सक्षम) बनाना ही इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है। परंतु लोगों को अभियान के तहत उनके अधिकारों के बारे में प्रेरित करते हुए विश्व के तमाम देशों में साक्षरता की दर को बढ़ाने के लिए इस दिन को खास तौर पर मनाते हैं।बता दें कि कोरोना काल में शिक्षा बुरी तरह बाधित हुई है।