दिनभर आज भी गरम रहा मुरुमातु का मुद्दा : न्यायिक अधिकारी और पलामू डीसी सहित कई लोगों ने घटना की पड़ताल की

दिनभर आज भी गरम रहा मुरुमातु का मुद्दा : न्यायिक अधिकारी और पलामू डीसी सहित कई लोगों ने घटना की पड़ताल की


-- अरूण कुमार सिंह

मुरुमातु घटना का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान : न्यायिक पदाधिकारियों की टीम ने लिया घटना स्थल का जायजा

राज्य के हाईकोर्ट ने मुरूमातु घटना का स्वत: संज्ञान लिया है ।पूरे मामले को जानने समझने के लिए न्यायिक पदाधिकारियों की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया । न्यायिक पदाधिकारी इस मामले में हाईकोर्ट को संबद्ध रिपोर्ट सौंपेंगे । राज्यपाल ने लगभग 50 महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने की खबर पर चिंता जताते हुए पलामू डीसी से पूरी घटना के संदर्भ में दो दिनों में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।

पलामू डीसी सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी किया घटना स्थल का दौरा, प्रभावितों से भी मिले

पलामू उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने आज पांडू प्रखंड के मुरुमातु गांव पहुंचकर उस स्थल का जायजा लिया, जहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कुछ परिवारों को विस्थापित किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। साथ ही पुराना थाना भवन में तत्काल रूप से आवासित सदस्यों से बातचीत की। वहीं पांडू थाना पहुंचकर मामले में संलिप्त स्थानीय ग्रामीणों पर अबतक हुए कार्रवाई की जानकारी ली। उपायुक्त ने उनके पारिवारिक सदस्यों से सीधी बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना और उन्हें मिलने वाली योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त किया। उपायुक्त ने प्राथमिकता के तहत उनकी समस्याओं का तत्काल निदान का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि इनके आवासन हेतु जिला प्रशासन भूमि की खोज में जुटी है। भूमि चिन्हित करते हुए उसपर आवास निर्माण कर उन्हें मुहैया कराई जाएगी। साथ ही आधार, राशन कार्ड बनाने एवं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा। उपायुक्त ने इसे जमीन विवाद से संबंधित मामला बताया । कहा कि एक स्थानीय ग्रामीण के नाम पर जमीन की जमाबंदी है। इसका वेरिफिकेशन स्थानीय अंचल अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। इन्हें विस्थापित करने में संलिप्त लोगों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। मामले में 12 नामजद व्यक्तियों के साथ-साथ 150 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। 3 लोग गिरफ्तार भी किये गये हैं। अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का निदेश स्थानीय पुलिस को दिया गया है। साथ ही विवादित भूमि पर धारा-144 लगाते हुए विवादित स्थल पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। मौके पर उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे के साथ नजारत उप समाहर्ता शैलेश कुमार सिंह, सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार साह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरजीत कुमार, पांडू थाना प्रभारी नुमा किस्कू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

हांलाकि किसी भी अधिकारी ने संबद्ध सीओ और थाना प्रभारी से लिखित रूप में इतना भी नहीं पूछा है कि उनके रहते इतनी बड़ी घटना को लोगों ने कैसे अंजाम दिया ?

आरोपियों के विरूद्ध दो प्राथमिकी दर्ज, आरोपी मुखिया सहित तीन लोग भेजे गये जेल

पुलिस ने मुरुमातु के मुखिया इबरार अहमद, सदर डॉ रसूल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है । इस मामले में पीड़ितों के बयान के आधार पर 12 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है । महादलितों को बसाने के दौरान हुए विवाद के बाद पांडु सीओ के बयान के आधार 50 नामजद और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ दूसरा एफआईआर दर्ज किया गया है ।
मुसहर परिवारों को उजाड़ने के मामले में जो 12 नामजद सहित 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया गया है उसमें मुखिया इसरार अहमद, सदर शेख रसूल अहमद व अन्य आरोपी मुमताज अंसारी को गिरफ्तार कर दिया है। सदई मुसहर के बयान के आधार पर आरोपियों पर एफआईआर किया गया है और इसमें उक्त गांव के इसरार अहमद, असरूदीन अहमद, सलीम अंसारी, मुमताज अंसारी, डॉ रसूल, अहमद, गुलाम ख्वाजा, जसरूद्दीन अंसारी, कुमुद्दीन अंसारी आदि को नामजद आरोपी बनाया गया है ।
सवई मुसहर ने अपने बयान में कहा है कि दस-बाहर झोपड़ी बनाकर वे लोग दस वर्षो से मुरुमातू में रहते आ रहे हैं। 29 अगस्त को करीब 150 महिला पुरुष हरवे-हथियार से लैश होकर पहुंचे थे। सभी ने मुसहर परिवारों को कही और जाने को कहा। आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली गलौज किया। इसके बाद मारने-पीटने लगे और फिर झोपड़ी को तोड़ते हुए सभी सामान एक ट्रैक्टर और एक पिकअप में लादकर ड्राइवर को बोले कि ये लोग जहां जाना चाहते हैं वहां छोड़ दो। जब डर से सभी लोग गाड़ी में बैठ गए तब ड्राइवर उन्हे छतरपुर थाने के लोटो गांव में ले जाकर छोड़ दिया।

यह है पूरा मामला

बीते सोमवार को विशेष समुदाय के दर्जनों लोग भीड़ की मुरुमातु के महादलित टोला पहुंचे और भीड़ ने वहां करीब तीन दशक से रह रहे महादलित समुदाय के करीब 50 घरों को ध्वस्त कर दिया । उनकी झुग्गी झोपड़ियां गिरा दी । उजाड़े गये हर परिवार के लोगों का सामान आदमी सहित गाड़ियों में भरकर छतरपुर के लोटो जंगल में छोड़ दिया । मुरुमातु में करीब 25 डिसमिल जमीन का विवाद है । विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि जिस जगह पर महादलित बसे हुए हैं वह मदरसा की जमीन है । विशेष समुदाय के लोगों के अनुसार 1943 में 4 एकड़ के प्लॉट में 3 एकड़ को खरीदा गया था । बाद में विशेष समुदाय के एक व्यक्ति ने 25 डिसमिल जमीन को मदरसा के नाम पर दान कर दिया था । जानकारी के अनुसार जिस जमीन का विवाद है, वह गैर मजरूआ है लेकिन अभी तक पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने खुलकर नहीं बताया है कि जमीन का किस्म क्या है ?

महादलित परिवारों का कहना है कि सोमवार को विशेष समुदाय के लोगों ने बस्ती को घेर लिया और उनलोगों के साथ मारपीट करके जबरन समझौता के कागजात पर हस्ताक्षर करवाया गया । उन्हें जबरन गांव से हटाया गया और सोमवार की देर रात मौके पर जेसीबी चलाकर जमीन को समतल कर दिया गया । उन्हें जबरन चावल और पांच-पांच सौ रूपये दिये गये । समुदाय विशेष के लोगों ने उनके परिवार की लड़कियों और बुजुर्ग तक को पीटा । उनके घरेलू सामान तोड़ दिये और उन्हें गांव से बेदखल कर दिया । हांलाकि विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की है ।