"अंधविश्वास समाज को खोखला कर रहा है"- 2 दर्जन लोगों को यह बात समझाने छतरपुर पहुंचे 1 दर्जन लोग
"Superstition is hollowing out the society" - 1 dozen people reached Chhatarpur to explain this to 2 dozen peopl
-- प्रमुख संवाददाता
-- 4 अगस्त 2021
"अंधविश्वास समाज को खोखला कर रहा है ।" मौके पर मौजूद लगभग दो दर्जन लोगों को इस बात को समझाने के लिए छतरपुर के मुनकेरी पंचायत के मनहूं गांव में लगभग एक दर्जन लोग पहुंचे । मौका था अंधविश्वास के विरूद्ध आयोजित जागरूकता शिविर का । यह शिविर बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित था । दुर्भाग्य वश इस कार्यक्रम की पूर्व सूचना आसपास के गावों में नहीं दी गयी थी इसलिए लोग नहीं जुट पाये । जो वहां मौजूद थे, वक्ताओं ने उन्हीं को सुनाकर कॉलम पूरा कर लिया । लोगों का कहना था कि ऐसे गंभीर और ज्वलंत मुद्दों पर आयोजित कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोग शिरकत करें, यह प्रयास ईमानदारी से होना चाहिए । खानापूर्ति से इस जटिल समस्या का निराकरण संभव नहीं है ।
(जो भी हो, हम इस खबर को इसलिए प्रकाशित कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोग इसे पढ़ें और डायन भूत कुप्रथा का अंत हो ।)
छतरपुर (पलामू) । जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि अंधविश्वास समाज को खोखला कर रहा है। अशिक्षा के कारण हमारे समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा मिल रहा है । डायन प्रथा कानूनन व सामाजिक अपराध है । डायन कह कर महिलाओं को प्रताड़ित करना अभी नहीं रुक रहा ।
प्रोबेशनर न्यायिक दंडाधिकारी चन्दन कुमार गोस्वामी ने कहा कि डायन प्रथा आज महिलाओं के लिए हत्या तक का कारण बन रही है। उन्होंने कहा की किसी औरत को डायन कहने पर 6 माह का कारावास व ₹2000 जुर्माना या दोनों हो सकता है । यह अजमानतीय है। उन्होंने कहा कि आज डायन प्रथा की आड़ में कई संगीन अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। आज हमारे समाज में अंधविश्वास की जड़ें मजबूत हो रही हैं ।
प्रोबेशनर न्यायिक दंडाधिकारी रूबी ने कहा कि डायन प्रथा की आड़ में कई संगीन अपराधों को अंजाम देना हमारे समाज में आम बात है । किसी को रोग हो गया और उसका सही उपचार ना करने से उसकी मृत्यु हो गई तब उसकी मृत्यु का जिम्मेदार भी डायन को मान लिया जाता है । उन्होंने कहा कि घरेलू उपचार के साथ ओझा गुनी की मान्यता गांव में ज्यादा मिलती है। उन्होंने कहा कि लोग नहीं समझते हैं कि ओझा के पास जाकर किसी भी असाध्य रोग से मुक्ति नहीं मिल सकती है। डायन के नाम पर औरत के साथ जुल्म करने वाले लोग ओझा गुनी की बातों पर भरोसा करके उसका शोषण करते हैं। यहां तक कि महिलाओं को डायन बताकर मलमूत्र पिलाया जाता है। निर्वस्त्र कर सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है । सर मुंडवाकर और मुंह काला कर गांव में घुमाया जाता है । डायन बताकर किसी की नृशंस हत्या तक कर दी जाती है । इसके लिए लोगों में जन जागरूकता जरूरी है ।
प्रोवेशनर न्यायिक दंडाधिकारी सुरभी ने कहा कि डायन कुप्रथा को मिटाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा भी समय-समय पर जागरुकता शिविर का आयोजन किया जाता है । इस मौके पर अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने हुसैनाबाद में डायन कहकर महिला के साथ मारपीट की घटना को कलंकित करने वाली घटना बताया । उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को भी विशेष जागरूकता शिविर चलाने की जरूरत है । कानून का सही ढंग से पालन हो तो डायन प्रथा पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है । साथ ही लोगों में जागरूकता की भी जरूरत है ।
नई दिशाएं के सचिव इंदु भगत ने कहा कि अंधविश्वास के कारण ही भूत मेला लगाया जाता है । उन्होंने कहा एक और जहाँ हम चन्दमा व मंगल ग्रह तक पहुँच चुके हैं वही दूसरी तरफ डायन के नाम पर प्रताड़ना को रोकना हम सबों के लिए चुनौती बन गया है। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मिलने वाली सुबिधा के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मौके पर पर छतरपुर पुलिस इंस्पेक्टर बीर सिंह मुंडा, महिला थाना प्रभारी सोनी कुमारी, मुनकेरी पंचायत के मुुखिया दशरथ प्रसाद, पंकज कुमार, रूना देवी, फुला देवी, सबिता देवी, कांति कुँवर, अनिता देवी, बैजंती देवी, कलावती देवी समेत कई लोग उपस्थित थे।