मुरूमातु पहुंचे दीपक प्रकाश ने कहा : सरकारी संरक्षण प्राप्त लोगों के इशारे पर मुरूमातु से उजाड़े गये दलित

मुरूमातु पहुंचे दीपक प्रकाश ने कहा : सरकारी संरक्षण प्राप्त लोगों के इशारे पर मुरूमातु से उजाड़े गये दलित


-- अरूण कुमार सिंह

झारखंड राज्य के भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश, आदित्य साहू और बालमुकुंद सहाय शुक्रवार को पलामू पहुंचे । उन्होंने पलामू में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य की सरकार तुगलकों की तरह फैसला ले रही है । तुगलकों का शासन अधिक दिनों तक नहीं चलता है । रायपुर में झारखंड के विधायकों का शराब और कोल माफिया खर्चा उठा रहे हैं । जनता की गाढ़ी कमाई से विधायकों के लिए एयरक्राफ्ट और माननीयों के लिए बीएमडब्ल्यू खरीदा जा रहा है, जबकि आम लोगों के लिए बैलगाड़ी भी नहीं । हेमंत सरकार के पास नियम और नीति नहीं हैं । झारखंड में कानून का शासन खत्म हो गया है । पूरे देश में सबसे अधिक दुष्कर्म और तेजाब की घटनाएं झारखंड में हो रही हैं । हेमंत सरकार में बेटियां, महिलाएं, दलित और आदिवासी असुरक्षित हैं ।

डाल्टनगंज विधायक आलोक चौरसिया, विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, छतरपुर विधायक पुष्पा देवी, विजयानंद पाठक, मनोज सिंह, विनोद सिंह व अन्य भाजपा नेताओं के साथ उन्होंने पांडू के मुरूमातु गांव स्थित उस स्थल का दौरा किया जहां से एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा महादलित परिवारों को उजाड़ा गया है । इसके बाद वे पांडू स्थित पुराने थाना भवन में भी गये जहां पर उजाड़े गये परिवारों को प्रशासन ने शरण दिया है ।

उसके बाद दीपक प्रकाश ने कहा कि पलामू के पांडू में 180 वर्षों से रह रहे महादलित परिवारों के घरों को एक विशेष समुदाय द्वारा रातों रात उजाड़ दिया गया लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बनी रही । जिससे यह साफ है कि इस घृणित कार्य को हेमंत सरकार का संरक्षण प्राप्त है । प्रशासनिक महकमा इस मामले में अभी भी असलियत को छिपा रहा है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा । भाजपा ऐसे मामलों पर चुप नहीं बैठेगी । उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन की दूसरे समुदाय से अवैध मिली भगत के कारण यह घटना हुई है । स्थानीय अधिकारियों और पुलिस का रोल बहुत ही खराब रहा । उन्होंने कहा कि आतातायियों ने मंदिर तक तोड़ दिया । लेकिन वहां फिर से मंदिर बनेगा । इस पूरे मामले की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ी जाएगी । उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों के महिलाओं और लड़कियों को मार पीटकर और जबरन उठाकर जंगल में छोड़ा गया । इस मामले में अपहरण का और महिलाओं को बेईज्जत करने का मुकदमा होना चाहिए । उन्होंने कहा कि पीड़ितों का घर वहीं पर बनना चाहिए जहां से उन्हें उजाड़ा गया है । हर शोषित, पीड़ित, वंचित के हक के लिए भाजपा उनके साथ खड़ी है ।

पिछले सोमवार को करीब 4 दर्जन लोगों को जबरन बेघर किया गया था

पिछले सोमवार के बाद से यह मामला तब सुर्खियों में आया जब विशेष समुदाय के दर्जनों लोग भीड़ की मुरुमातु के महादलित टोला पहुंचे और भीड़ ने वहां पिछले कई वर्षों से रह रहे महादलित समुदाय के करीब 50 घरों को ध्वस्त कर दिया । उनकी झुग्गी झोपड़ियां गिरा दी । उजाड़े गये हर परिवार के लोगों का सामान आदमी सहित गाड़ियों में भरकर छतरपुर के लोटो जंगल में छोड़ दिया । महादलित परिवारों का कहना है कि सोमवार को विशेष समुदाय के लोगों ने बस्ती को घेर लिया और उनलोगों के साथ मारपीट करके जबरन समझौता के कागजात पर हस्ताक्षर करवाया गया । उन्हें जबरन गांव से हटाया गया और सोमवार की देर रात मौके पर जेसीबी चलाकर जमीन को समतल कर दिया गया । उन्हें जबरन चावल और पांच-पांच सौ रूपये दिये गये । समुदाय विशेष के लोगों ने उनके परिवार की लड़कियों और बुजुर्ग तक को पीटा । उनके घरेलू सामान तोड़ दिये और उन्हें गांव से बेदखल कर दिया ।

मुरुमातु में करीब 25 डिसमिल जमीन का विवाद है । विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि जिस जगह पर महादलित बसे हुए हैं वह मदरसा की जमीन है । विशेष समुदाय के लोगों के अनुसार 1943 में 4 एकड़ के प्लॉट में 3 एकड़ को खरीदा गया था । बाद में विशेष समुदाय के एक व्यक्ति ने 25 डिसमिल जमीन को मदरसा के नाम पर दान कर दिया था । जानकारी के अनुसार जिस जमीन का विवाद है, वह गैर मजरूआ है लेकिन अभी तक पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने खुलकर नहीं बताया है कि जमीन का किस्म क्या है ?

आरोपियों के विरूद्ध दो प्राथमिकी दर्ज, आरोपी मुखिया सहित तीन लोग भेजे गये जेल

पुलिस ने मुरुमातु के मुखिया इबरार अहमद, सदर डॉ रसूल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है । इस मामले में पीड़ितों के बयान के आधार पर 12 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है । महादलितों को बसाने के दौरान हुए विवाद के बाद पांडु सीओ के बयान के आधार 50 नामजद और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ दूसरा एफआईआर दर्ज किया गया है ।

हाईकोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान, महामहिम ने भी मांगी है रिपोर्ट

इस घटना पर राज्य के हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है ।पूरे मामले को जानने समझने के लिए न्यायिक पदाधिकारियों की टीम ने घटनास्थल का दौरा भी किया है । राज्य के राज्यपाल ने लगभग 50 महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने की खबर पर चिंता जताते हुए पलामू डीसी से पूरी घटना के संदर्भ में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।

पलामू डीसी-एसपी सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी किया है घटना स्थल का दौरा

पलामू उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे और एसपी चंदन सिन्हा सहित कई अधिकारियों ने पांडू प्रखंड के मुरुमातु गांव पहुंचकर उस स्थल का जायजा लिया है जहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कुछ परिवारों को विस्थापित किए जाने का मामला प्रकाश में आया था । इन्होंने पुराने थाना भवन में तत्काल रूप से आवासित पीड़ित परिवार के लोगों से भी बात की है ‌। डीसी -एसपी सहित कई अधिकारी इसे जमीन विवाद से संबद्ध मामला मानते हैं । अधिकारियों के अलावा भाजपा तथा अन्य दलों के दर्जनों नेता और समाजसेवी भी मुरूमातु का दौरा कर चुके हैं और पूरी घटना को अमानवीय बताया है ।

मूल बातों की चर्चा अभी तक नहीं

इस पूरी घटना से मूल बातों की चर्चा लगभग नदारद है । जैसे कि एसपी ने पांडू थाना प्रभारी से अब तक यह नहीं पूछा है कि जब घटना स्थल पर पुलिस दस मिनट में पहुंच सकती थी तो पुलिस को वहां पहुंचने में घंटे क्यों लगे ? सीओ से भी यह नहीं पूछा गया है कि जब जमीन का विवादित मामला था तो उन्होंने कौन सी ठोस कार्रवाई की ? बीडीओ से यह नहीं पूछा गया है कि पीड़ित महादलित परिवार जब वहां वर्षों से रह रहे थे तो उनके पास आधार व राशन कार्ड जैसे मूलभूत कागजात तक क्यों नहीं हैं ? उनके नाम जमीन बंदोबस्त क्यों नहीं किया गया और सिर छिपाने के लिए उन्हें सरकारी आवास क्यों नहीं दिये गये ? और सबसे बड़ी बात यह कि स्थानीय जनप्रतिनिधि ने अब तक उनकी सुध क्यों नहीं ली ?