लोग पूछ रहे हैं : अब तक लगभग 11 सौ करोड़ खर्च करके एनएचआई द्वारा बनाये गये इस सड़क का क्या औचित्य है जबकि

लोग पूछ रहे हैं : अब तक लगभग 11 सौ करोड़ खर्च करके एनएचआई द्वारा बनाये गये इस सड़क का क्या औचित्य है जबकि

-- अरूण कुमार सिंह

पलामू । जिले के पड़वा मोड़ से शुरू होता है एनएच 98 (नया - 139) । पलामू जिले की यह इकलौती सड़क है जो कई राज्यों के आवागमन को एनएच 2 से जोड़ती है । भविष्य में यह सड़क वाराणसी-कोलकात्ता ग्रीन एक्स्प्रेस्वे से भी जुड़ जाएगी ।

दो वर्ष पूर्व छतरपुर के सिलदाग से लेकर हरिहरगंज बाइपास के अंतिम छोर तक इस सड़क को फोरलेन बनाने का कार्य प्रारंभ हुआ था जो अब अंतिम चरण में है । सड़क निर्माण कंपनी शिवालया कंस्ट्रक्शन और एनएचआई के अधिकारियों का कहना है कि सिलदाग से हरिहरगंज तक फोरलेन सड़क का लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है । इसमें छतरपुर बाईपास का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है । इस प्रोजेक्ट पर एनएचआई अबतक लगभग 11 सौ करोड़ खर्च भी कर चुकी है । इसी वित्तीय वर्ष में इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिये जाने के दावे भी किये जा रहे हैं । सड़क निर्माण कंपनी के मुताबिक झारखंड राज्य में लगभग कार्य पूरा कर लिया गया है । बिहार राज्य में भू अर्जन का कार्य प्रगति पर है जो तीव्र गति से हो रहा है । जो शेष कार्य है उसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा । लेकिन, आम लोगों ने इस सड़क के निर्माण के औचित्य पर ही सवाल उठाये हैं...

... तब, राहगीरों ने इस सड़क के निर्माण के औचित्य पर सवाल क्यों उठा रहे हैं...?

मैंने दर्जनाधिक राहगीरों से बात की जो इस सड़क का अक्सर उपयोग करते हैं । इनमें ड्राइवर भी थे और आम तथा खास लोग भी । अधिकतर लोगों का कहना था कि किसी महत्वपूर्ण सड़क के बीच के पार्ट से निर्माण कार्य होना अजीबोगरीब है । बीच के पार्ट का निर्माण कार्य तब तक महत्वपूर्ण नहीं होता, जब तक कि सड़क का प्रारंभ और अंत बेहतर स्थिति में न हो !

मतलब यह कि एनएच 98 की यह सड़क पलामू के जिस पड़वा से शुरू होती है और नावा बाजार होते हुए सिलदाग तक पहुंचती है, वह लगभग 22 किलोमीटर सड़क अभी भी टू-लेन है और इसे बने हुए लगभग 5 वर्ष बीत गये । पड़वा से सिलदाग आने के क्रम में आपको दर्जनों बेतरतीब और अंधे मिलेंगे, जहां से होकर गुजर जाना दुर्घटनाओं के मुंह से बचकर निकल जाने जैसा है ।

पड़वा मोड़ से सिलदाग तक की सड़क का फोरलेन निर्माण कब होगा, यह मामला अभी तक अधर में लटका हुआ है । यह सड़क फिलहाल राज्य सरकार के अधीन एनएच डिविजन के पास है । सिलदाग से पड़वा की दूरी लगभग 22 किमी है जिसमें फिलहाल जो सड़क है, वह टू-लेन मानक की भी सड़क नहीं है । पड़वा मोड़ से सिलदाग तक फोरलेन सड़क निर्माण की अद्यतन स्थिति यह है कि डीपीआर कंसलटेंट का चयन हो चुका है । डीपीआर के लिए एकरारनामा साइन हो चुका है । डीपीआर का काम पूरा करने के लिए मार्क्स प्लानिंग नामक कंपनी को 22 फरवरी 2023 को ही एलओए मिला है । डीपीआर बनाने वाले कंपनी का चयन तो एनएच डिविजन ने कर लिया है लेकिन आज तक कंपनी के साथ एकरारनामा नहीं किया जा सका है जिसके कारण डीपीआर बनाने का कार्य अधर में अंटका है ‌।

फिर, आप जैसे ही हरिहरगंज क्षेत्र में तेंदुआ कला गांव के पास पहुंचेगें, आपको पता चलेगा कि हरिहरगंज बाइपास भी अब तक निर्माणाधीन है और बिहार राज्य के हिस्से में अभी तक काम चल ही रहा है । यहां यह बताना आवश्यक है कि पिछले वित्तीय वर्ष में ही इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लेना था । उसके बाद आपको हरिहरगंज बाजार से होकर पुरानी सड़क से गुजरना होगा जहां पर पिछले दो दशक से सड़क के दोनों किनारे भारी अतिक्रमण है और हर वक्त सड़क जाम की स्थिति रहती है । कभी कभी यह जाम घंटों तक रहती है । स्थिति यह है कि छतरपुर के सिलदाग से हरिहरगंज पहुंचने में जितना वक्त लगता है, आपको हरिहरगंज बाजार से होकर गुजरने में भी उतना ही वक्त लग सकता है !

तो क्या एनएच डिविजन पड़वा से सिलदाग के बीच बेहतरीन सड़क बना लेगी ?

अभी तो यही कहा जा सकता है कि कुछ भी नामुमकिन नहीं होता ! लेकिन एनएच का जो पुराना ट्रैक रिकॉर्ड है उसके मुताबिक इसमें संशय है । अभी तो डीपीआर ही नहीं बना है ! फिर ठेकेदार समय पर आ जायेंगे, इसमें संदेह है । फिर, रैयतों को चार गुणा मुआवजा देने में राज्य सरकार को काफी मुश्किल होगी । केन्द्र की कोई मॉनिटरिंग नहीं रहेगी । नियमानुसार हर 60 किलोमीटर में टोल लगाना है । ऐसी स्थिति में एनएचआई द्वारा हरिहरगंज के कउआखोह के पास लगाये जा रहे टोल वसूली प्रभावित होगी । अगर एनएच डिविजन यह सड़क एनएचआई को समर्पित नहीं करती है तो होगी तो राज्य सरकार उच्च मानक के हिसाब से सड़क बनाकर उसका उचित  रखरखाव कर लेगी, इसमें संदेह है ।

हांलाकि, पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने इस परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2022 में ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को यह पत्र लिखा था -

इसके बाद पलामू सांसद की ओर से इस सड़क निर्माण की बावत क्या क्या प्रयास किये गये, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पायी है ।

अब बात टोल प्लाजा की...

हरिहरगंज प्रखंड क्षेत्र के कउआखोह में एनएचआई ने टोल प्लाजा बनाया है जिसकी टेस्टिंग भी हो चुकी है और एनएचआई इसे शीघ्र ही शुरू करने के मूड में भी है । नये नियम के मुताबिक बन चुके सड़क की दूरी के मुताबिक टोल वसूली की जा सकती है । लेकिन, बतौर राहगीर, यह टोल आपको इसलिए अखर जाएगा क्योंकि एनएच 98 का न तो प्रारंभ बेहतर है और न ही अंत !